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Tuesday, March 16, 2010

नौमी तिथि मधु मास पुनीता सुकल पच्छ अभिजित हरिप्रीता
मध्यदिवस अति सीत न घामा पावन काल लोक बिश्रामा

भए प्रगट कृपाला दीनदयाला कौसल्या हितकारी
हर्षित महतारी मुनि मन हारी अद्भुत रूप बिचारी
लोचन अभिरामा तनु घनस्यामा निज आयुध भुज चारी
....तुलसीदास

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