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Tuesday, November 23, 2010

श्री ज्ञानेश्वरी गौरव

श्री ज्ञानेश्वरी अमृतगंगा /
बहु सुकृते लाभली जगा //
पावन करी अंतरंगा /
अंगपअत्यंगा जीवाचिया
//
1//
भक्तिभावे करिता स्नान /
निर्मलहोय अंतःकरण //
जिवासी परम समाधान /
साक्षात दर्शन श्री शिवाचे //२//

जीव-शिवाची होता भेटी /
मावळोनि ज्ञाता -ज्ञेय त्रिपुटी //
प्रगटेसोsहंभाव प्रतीति /
उरेशेवटी ज्ञांप्तीमात्र //३//
......स्वामी स्वरूपानंद

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